18.4.12

जंग जारी है


अनंतकाल से पहले
धरती पर
था समंदर के राजा का
एकछत्र साम्राज्य

सूरज ने ली करवट,
समंदर ने टाँगे सिकोड़ी,
सूखी धरती ने सर उठाया

कुछ लाख साल समंदर के राजा
को खबर भी ना हुई
फिर एक दिन वो गुस्से से फुंकारा
अपने त्रिशूल को लहराया
और पैदा की
दूध सी सफ़ेद फ़ेनिल अयाल वाले
नीले  घोड़ों की फौज़

आज भी
क़तारों पे क़तारें,
अनगिनत,  अनवरत
दौडती आती हैं
पर किनारे पर आकर घुटने टेक देती हैं,
बिखर जाती हैं
फिर लौट के आती हैं,
अथक, सतत

जंग जारी है



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